किसी भी निश्चित दिशा में यथार्थ पुरुषार्थ की भूमिका हमेशा ही अनिवार्य रहती है। किसी भी निश्चित दिशा में यथार्थ पुरुषार्थ की भूमिका हमेशा ही अनिवार्य रहती है।
ऑफिस पहुँच कर अपनी मैडम एक्स को फोन कर सूचना दी कि, "तुम्हारे लौटने से ही मैं जान पाया ऑफिस पहुँच कर अपनी मैडम एक्स को फोन कर सूचना दी कि, "तुम्हारे लौटने से ही मैं जा...
यह सब देख सुन दूर्वा इतनी अचंभित हो गई थी कि वह बुत सी बन गई थी। सब कुछ इतनी जल्दी हो गया था वह कुछ ... यह सब देख सुन दूर्वा इतनी अचंभित हो गई थी कि वह बुत सी बन गई थी। सब कुछ इतनी जल्...
सोचता हूँ भगवान भी उसी की सहायता करते हैं जो स्वयं की सहायता का हौसला रखते हों । सोचता हूँ भगवान भी उसी की सहायता करते हैं जो स्वयं की सहायता का हौसला रखते हों ...
देश में भी 'वसुधैव कुटुंबकम्' के महत्व को सार्थक करते हुए सभी लोग चाहे किसी भी धर्म या जाति के हों क... देश में भी 'वसुधैव कुटुंबकम्' के महत्व को सार्थक करते हुए सभी लोग चाहे किसी भी ध...
दुर्गा को खुश देखती हूँ तो मुझे अपने निर्णय पर गर्व होता है। दुर्गा को खुश देखती हूँ तो मुझे अपने निर्णय पर गर्व होता है।